Poems for Environment Day in English
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June 5th is world
Environment day
Time to be concerned and
Show you care
Saving forest trees from
Destruction
Educating by awareness
would be fare!
Forests are lungs of the earth
Protecting air, water and soil
Stop the global warming and floods,
Make droughts and soil erosion foil!
Pledge to plant a tree,
Whenever and wherever possible,
Breed your love for nature and adversity
Avoid and oppose
destruction of plants and animals
For that would end all adversity!
Water,an oasis of our lives,
Learn to conserve every drop
Preventing water pollution in every way,
Is the call of World’s Environment Day!
World Environment Day Poems in English
Our world is always changing,
Constantly re-arranging.
From ocean depths to mountain peaks,
Mother Nature moves and speaks.
While telling stories of our past
She tries to teach us how ……….
Poems about the Environment
Poems for Environment Day in Hindi
DHARTI MAATA( a hindi poem on world environment day)
धरती हमारी माता है,
माता को प्रणाम करो
बनी रहे इसकी सुंदरता,
ऐसा भी कुछ काम करो
आओ हम सब मिलजुल कर,
इस धरती को ही स्वर्ग बना दें
देकर सुंदर रूप धरा को,
कुरूपता को दूर भगा दें
नैतिक ज़िम्मेदारी समझ कर,
नैतिकता से काम करें
गंदगी फैला भूमि पर
माँ को न बदनाम करें
माँ तो है हम सब की रक्षक
हम इसके क्यों बन रहे भक्षक
जन्म भूमि है पावन भूमि,
बन जाएँ इसके संरक्षक
कुदरत ने जो दिया धरा को
उसका सब सम्मान करो
न छेड़ो इन उपहारों को,
न कोई बुराई का काम करो
धरती हमारी माता है,
माता को प्रणाम करो
बनी रहे इसकी सुंदरता,
ऐसा भी कुछ काम करो
World Environment Day Poem in Hindi
एक दिन ऐसा आएगा …….जब मानव ….मानव को खाएगा ,
पेड़ो की यादों से हमको ………नई सीख देता जाएगा ।
जब रहेगी नहीं ……यहाँ हरियाली ,
जब बचेगी नहीं ……खेतों में …..गेहूँ की बाली ,
तो कैसे वो भोजन पकाएगा ?
और तब मानव ……..मानव को ही खा जाएगा ।
एक दिन ऐसा आएगा …….जब मानव ….मानव को खाएगा ,
लुप्त होते हुए पंछियों को …….Museum में सजा जाएगा ।
जब रहेंगे नहीं …….पेड़ हमारे ,
तब कैसे पंछी उन पर …….अपना डेरा डालें ?
तब पंछियों को भी …..ये काल ले जाएगा ,
और तब मानव ……..मानव को ही खा जाएगा ।
एक दिन ऐसा आएगा …….जब मानव ….मानव को खाएगा ,
मरते हुए शेरों से ……जंगल के राजा की याद दिलाएगा ।
जब जंगल का राजा ही ……लुप्त हो जाएगा ,
तब कैसे आहार श्रृंखला …..अपना चक्र पूरा घुमाएगा ?
तब हर प्रजाति का अंत ……धीरे-धीरे हो जाएगा ,
और तब मानव ……..मानव को ही खा जाएगा ।
एक दिन ऐसा आएगा …….जब मानव ….मानव को खाएगा ,
तब Global Warming बढ़ने से …..A C को Dump कराएगा ।
जब A C वातावरण में ……एक घुटन सी भर देंगे ,
तब हर जगह Global Warming के चर्चे …….जुबां पर होंगे ,
तब पर्यावरण का …..अंत समय आ जाएगा ,
और तब मानव ……..मानव को ही खा जाएगा ।
चिंतित हैं ……..आज सभी बुद्धिजन ,
कैसे बचाएँ हम …….अपना पर्यावरण ?
कोई कहे ……नए वृक्ष लगाओ ,
कोई कहे …..जो हैं ……उन्हें बचाओ ।
मना रहे हैं …..हर साल हम ……..World Environment Day ,
ताकि जागरूक बने ……आने वाली पीढ़ीएँ ,
मगर सिर्फ कोरे कागज़ की जागरूकता काफी नहीं ,
इसलिए applicable करो ……उसमे भरके नई मंज़िलें ।
प्रण करो उन मंजिलों के ……काँटे हम हटाएँगे ,
अपने “Environment Day” पर उसमे ……नए फूल हम लगाएँगे ,
हो सकेगा तो खुद को ……इतना मज़बूत हम बनाएँगे ,
कि पहले की तरह ही “Nature” में जीना …….फिर से हम अपनाएँगे ॥
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